“हे यै आई वेलेन्टाइन डे छै ।”
“हूं.. त .. ?”
“नै बुझलियै ? आई प्रेम दिवस छै ?”
“हं यौ बुझलियै । जकरा में प्रेम छै, ई ओकरा लेल छै ।”
“किया हमरा अहां में प्रेम नहि अछि ?”
“हूंह ..प्रेम अछि हमरा सब में । भरि दिन त झगड़े होईत अछि । आ किदन कहै छै जे प्रेम अहि …।”
“हं हं ! आब बुझए में आबि गेल अहांक मोनक बात .. जे हमरा लेल किछु नै ..।”
“हं ! बुझि गेलियै न ? आ ई कहू जे ब्लडप्रेशर के दवाई खेनाई अहां किया बिसरि गेलियै ?”
“हं बिसरि गेलियै , त कोनो पहाड़ टूटि गेलै ?”
“ठीक छै ! काल्हि सं हमहूं दवाई नै खायब । फेर हमरा जं किछु कहलौं त देख लबै ..।”