आइ पुन: मिथिला भूमि गौरवान्वित अछि, शिक्षण क्षेत्रमे एकटा मिथिलानीक उपलब्धि सँ। प्रखर शिक्षिका चंदना दत्त अपन शिक्षिका धर्म केर सुचारु रूप सँ निर्वहन कय, समाज में आदर्श स्थापित करैत 2021 केर राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान सँ सम्मानित भेलीह। क़लम संग तूलिकाक प्रेमी चंदना दत्त ‘मिथिला पेंटिंग’ में सेहो दक्ष छथि।
बलाट गामक साहित्यानुरागी, साहित्य अकादमी सम्मान सँ सम्मानित स्व. डा. नित्यानन्द लाल दासक धिया चंदना दत्त राजकीयकृत मध्य विद्यालय, रांटी, राजनगर में सेवारत छथि। मैथिली भाषा सँ स्नातकोत्तर चंदना मैथिली आ हिन्दी भाषामे साहित्य सेवा सेहो करैत छथि। विभिन्न पत्र-पत्रिका में कथा शोध पत्र, आलेख आओर कविता प्रकाशित होइत रहय छन्हि। मैथिलीमे हुनक गंगास्नान नामक एक गोट कथा संग्रह सेहो प्रकाशित छन्हि। लेखनमे हुनक एतेक गहन रुचि छनि जे ओ स्वयं कहय छथि “जँ हम शिक्षण कार्य में नहि रहतहुँ तँ पूर्णकालिक लेखिका बनितहुँ।”
अनेको पुरस्कार सँ पुरस्कृत छथि चंदना
राष्ट्रपति शिक्षक सम्मान प्राप्त करबासं पहिने चंदना चेतना समिति (पटना)सं डॉ माहेश्वरी सिंह महेश ग्रंथ पुरस्कार 2014 प्राप्त क चुकल छथि। संगहि हुनका भाऊराव देवरस सेवा न्यास (लखनऊ) द्वारा पं. प्रताप नारायण मिश्र स्मृति युवा साहित्यकार सम्मान 2017, इंडिया थिंक काउंसिल (नई दिल्ली) द्वारा अवध मिथिला सम्मान 2019, अवन्तिका संस्था (दिल्ली) द्वारा डा एस राधाकृष्णन सम्मान 2020 आ रक्तदानमे अग्रणी योगदान लेल रोहतक (हरियाणा) केर एकटा संस्था द्वारा रक्तदान सृजन सेवा सम्मान सँ 2016 सेहो भेटल छनि।

सहज, सरल, विनम्र स्वाभाक धनी चंदना एहि उपलब्धि सभक उल्लेख आबैत धरि कहैत छथि “ई पुरस्कार निश्चित रूपें हमर शिष्य सभकें, अपन माता-पिता, अपन परिवार, अपन सभ गुरुजन कें एवं सभ सहयोगी शिक्षक केर समर्पित अछि । कियैक त बिनु हुनकर हम किछु नहि छी।”
बहुमुखी प्रतिभाक धनी छथि चंदना
शिक्षिकाक संग कलाकार, लेखिका, कवियित्री, समाजसेविका आदि अनेक भूमिकामे अपन योगदान कयनिहार चंदना रक्तदान, नेत्रदान आदि लेल नहि मात्र अपन लेखनी सँ बल्कि अपन कर्मसँ सेहो प्रेरित करैत रहय छथि। अपन शिष्य सभक बहुमुखी विकास लेल सदैव प्रयत्नशील रहैत छथि। बालिका शिक्षा लेल कथा, कविता लिखय छथि आ शिक्षक- अभिभावक सम्मेलन केर माध्यम सँ जागरूक करैत रहय छथि।

शिक्षक आ शिक्षण केर प्रति चंदनाक दृष्टि पूर्णत: स्पष्ट छनि। जखन शिक्षक धर्ममे आदर्श स्थितिक गप होइ छैक, चंदना कहय छथि “आदर्श शिक्षक के कोनो परिधि में नहि बान्हि सकय छी। जे बच्चा सभ में लोकप्रिय होयथि, जे समयनिष्ठ आ ज्ञानी होयथि, जे विषय वस्तु केर पर्यावरण सँ जोड़ि कय पढ़ावथि आ धिया-पुता के आंगा देशप्रेमी,रोज़गार सृजोन्मुख बनावथि।”
चंदना आगु कहय छथि “ई खुशीक गप थिक जे शिक्षक केर प्रति समाजक भावना सभदिन नीक रहल अछि। कियैक त ईश्वर जकर भाग्य दहिना हाथे लिखय छथि ओ शिक्षक बनय छथि।”
विद्यार्थी केर विकास सर्वोच्च प्राथमिकता
अपन शिक्षक संगी लोकनिक लेल चंदना कहय छथि जे हुनक सर्वोच्च प्राथमिकता अपन शिष्य केर विकास हेबाक चाही। ओ कहय छथि “अहाँ प्रत्येक परिस्थितिजन्य समस्या कें कात करैत अपन सृजनशीलतासँ अपन शिष्यक योग्यता बढ़ाउ, हुनका सदिखन आगां बढ़य लेल प्रेरित करू।”
अपन शिक्षण संस्था के प्रति समर्पण कें भाव चंदना दत्त जी में प्रचुर मात्रा में छन्हि। ओ पिछड़ा-अति पिछड़ा क्षेत्र में जा माता पिता कें शिक्षा कें प्रति जागरूक कय हुनकर बालक बालिका कें शिक्षा लय प्रोत्साहित करय छथि। ओ समाज में उपेक्षित मूक बधिर बालिका “ज्योति” सन अनेकों बच्चा सभ के मिथिला पेंटिंग केर प्रशिक्षण दय जीविकोपार्जन लय तैयार करय छथि, अपन विद्यार्थी कें स्वच्छताक ज्ञान संग भोजनक पौष्टिकता कें ज्ञान सँ सेहो अवगत करबैत छथि। सामान्य पाठ्य पुस्तक सँ इतर पुस्तक पढ़य हेतु जागरूक करैत पुस्तकालयक महत्ता बता मनोवैज्ञानिक स्तर पर मानसिक विकास में अपन योगदान दय समाज कें सोझरायल नागरिक प्रदान कय रहल छथि।